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Пасха в Индии - ईस्टर 2012 - आज होगी ईस्टर की प्रार्थना
Известия о праздновании Пасхи со всех уголков Индии. 08 रविवार ईस्टर ईसाई पूजन-वर्ष में सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक धार्मिक पर्व है. ईसाई धार्मिक ग्रन्थ के अनुसार, सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन यीशु मरे हुओं में से पुनर्जीवित हो गए थे. इस मृतोत्थान को ईसाई ईस्टर दिवस या ईस्टर रविवार मानते हैं. ये दिन गुड फ्राईडे के दो दिन बाद और पुन्य बृहस्पतिवार या मौण्डी थर्सडे के तीन दिन बाद आता है.
हैप्पी ईस्टर से गूंजे गिरजाघर Sun, 08 Apr 2012 02:16 AM (IST)
मुजफ्फरपुर, प्रतिनिधि : समय - रात के बारह बजे। जैसे ही घड़ी की सूई बारह पर गयी, गिरजाघरों में पास्का मोमबत्ती जल उठी। घंटियों की आवाज सुनायी देने लगी। पास्का मोमबत्ती जलते ही पूरे परिसर की बत्तियां जला दी गयीं। पूरा गिरजाघर रोशनी से नहा गया था। शाम से बत्तियां नही जलायी गयी थीं। फिर इसाई समुदाय के लोगों ने पुनरुत्थान के गीत गाते हुए ज्योति स्वरूप यीशु मसीह का गुणगान करना शुरू कर दिया। इसके बाद सबों ने एक-दूसरे को हैप्पी ईस्टर कहकर पुनर्जीवित यीशु मसीह की शांति व नए जीवन की कामना की ताकि सब एक दिन प्रभु यीशु के साथ अनंत जीवन के सहभागी बन सकें। इसके पूर्व सभी विश्वासियों ने हाथों में मोमबत्ती लिए गिरजाघर में प्रवेश किया। लेनिन चौक स्थित सेंट फ्रांसिस असिसी चर्च के फादर कैजेटन ने बताया कि ईस्टर पर्व पतझड़ के बाद बसंत ऋतु जैसा है, सब सारी सृष्टि एक नए जीवन से भरी रहती है। इस पर्व का सबसे प्रमुख संदेश है कि सबके मन और आत्मा को ईश्वरीय शांति मिले जो पाप व अहंकार द्वारा नष्ट हो जाती है। यह पर्व हमें शिक्षा देता है कि हम ईश्वर के हैं और उनके बिना हम कुछ भी नहीं है। ईश्वर से दूर रहकर हम उस डाली के सदृश हैं जो पेड़ से कटकर न फल उत्पन्न करता है और न ही जीवित रह सकता है। मुख्य अनुष्ठानकर्ता बिशप जेबी ठाकुर ने कहा कि मनुष्य के पाप के कारण ईश्वर व उनकी सारी सृष्टि के बीच उत्पन्न खाई को पाटने के लिए यीशु मसीह ने एक दीन-हीन आज्ञाकारी मनुष्य बनकर मानव पाप का दंड अपने ऊपर ले लिया और क्रूस पर अपना जीवन अर्पित कर दिया। उनकी इसी विनम्रता, आज्ञापालन व परोपकार के कारण परमपिता ईश्वर ने उन्हें पुनर्जीवित कर दिया। आज के दिन इस घटना का स्मरण किया जाता है। इस मौके पर बड़ी संख्या में विश्वासीगण उपस्थित थे। Автор
आज होगी ईस्टर की प्रार्थना Sun, 08 Apr 2012 01:32 AM (IST) इलाहाबाद : प्रभु यीशु के पुनर्जीवन पर रविवार को चर्चो में ईस्टर की प्रार्थना होगी। इसमें मसीही समुदाय के लोग बाइबिल का पाठ कर प्रभु यीशु के जीवित होने की खुशी मनाएंगे। इसको लेकर पत्थर गिरिजाघर, चौक चर्च, सेंटजांस चर्च, सेंट जोजफ चर्च, म्योराबाद चर्च सहित हर चर्चो में सुबह प्रार्थना सभा होगी।
गिरजाघरों में धूमधाम से मना ईस्टर Sun, 24 Apr 2011 10:27 PM (IST) गिरिडीह, संवाद सूत्र : शहर के विभिन्न गिरजाघरों में रविवार को ईस्टर पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान गिरजाघरों में बाइबिल पाठ, प्रवचन, गीत-भजन आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया एवं प्रेम, करुणा, सेवा, क्षमा और सहिष्णुता के देवपुत्र ईसा मसीह के संदेशों को जीवन में उतारने का संकल्प लिया गया। इस संबंध में बेथेल ग्राम चर्च के फादर विशय आरडी मुर्मू ने बताया कि ईस्टर पर्व देवपुत्र ईसा मसीह के पुनर्जीवित होने का त्योहार है। तैंतीस ईस्वी को देवपुत्र प्रभु यीशु को पाखंडियों ने गुड फ्राइडे के दिन सूली पर चढ़ा दिया था, लेकिन प्रभु यीशु अपनी मृत्यु के तीसरे दिन पुनर्जीवित हो गए। यह उनके अनुयायियों के लिए सबसे बड़ी खुशी और उल्लास का मौका था। ईस्टर पर्व प्रतिवर्ष गुड फ्राइडे के बाद वाले रविवार को मनाया जाता है। इसके पहले चालीस दिन उपवास का दिन होता है। स्वयं देवपुत्र ईसा मसीह ने भी चालीस दिन उपवास रखा था। सूली पर ईसा मसीह ने यह प्रार्थना की कि वे उनलोगों को क्षमा करें क्योंकि पाखंडी लोग यह भी नहीं जान रहे हैं कि वे क्या कर रहे हैं। इस प्रकार प्रभु यीशु ने पूरी दुनिया को प्रेम, करुणा, दया सहिष्णुता और क्षमा का संदेश दिया। Автор
ईस्टर पर विशेष प्रार्थना Sun, 24 Apr 2011 07:45 PM (IST) चर्च में नौ बजे विशेष प्रार्थना सभा हुई। प्रभु के जी उठने की खुशी में लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी। इसके बाद प्रभु भोज का आयोजन किया गया।
फादर दिनेश कुमार सहाय ने बाइबल के प्रसंगों पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि आज के दिन प्रभु यीशु पुन: जी उठे थे। उन्होंने कहा कि शरीर नाशवान है परंतु आत्मा सदा अमर है।
बाइबल में बताया गया है। युहन्ना एक से पांच में लिखा है कि वचन परमेश्वर के साथ था। जो कुछ उत्पन्न हुआ है उसमें से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न नहीं हुई। उसमें जीवन था और वह जीवन मनुष्य की ज्योति था। ज्योति अंधकार में चमकती है और अंधकार ने उसे ग्रहण नही किया।
फादर ने कहा कि तुम जीवितों को मरे हुए में क्यों ढूंढते हो, वह यहां नही परंतु जी उठा है। मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथों में पकड़वाया जाये और कू्रस पर चढ़ाया जाये और वह तीसरे दिन जी उठा तो वह बातें उसके स्मरण में आयी। यीशु ने कहा कि मेरा छुड़ाने वाला परमेश्वर जीवित है, मेरा प्रभु कभी सोता नहीं।
इस कार्यक्रम में मुकेश मसीह, अजय राज, माया पौलुस, सिलास, राकेश, दीनदयाल, शालिनी सहाय, पिंकी, डाली, शशी वाला, राजेन्द्र राज, विनोद कुमार, रोहित राज, सुनीता दास, सुनील मसीह, राजीव कुमार ने भाग लिया। Автор
Па́сха (греч. πάσχα, лат. Pascha, ивр. פסח песах — «прохождение мимо»); в христианстве также Воскресе́ние Христо́во (греч. Ἡ Ανάστασις τοῦ Ἰησοῦ Χριστοῦ); др.-рус. Велик день — древнейший христианский праздник; главный праздник богослужебного года. Установлен в честь воскресения Иисуса Христа. В настоящее время его дата в каждый конкретный год исчисляется по лунно-солнечному календарю (переходящий праздник).
ईस्टर पर गिरिजाघरों में प्रार्थनाएं
बीकानेर। ईसाई धर्म के प्रवर्तक प्रभु यीशु के पुन: प्रकट होने के दिन 'ईस्टर' पर रविवार को विभिन्न गिरिजाघरों में प्रार्थनाएं की गई। प्रार्थनाओं में प्रभु के संदेशों, आदर्शो का स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया गया। जयपुर मार्ग के सेंट फ्रांसिस जैवियर कैथोलिक चर्च में हुई प्रार्थना में फादर जोबी थामस ने कहा कि प्रभु यीशु ने लौकिक शरीर से स्वयं अनेक कष्ट सहकर पापियों के पाप, दुखियों के दुख दूर किए। शांति, मानवीतया का संदेश दिया। ईस्टर के मौके पर गिरिजाघर में सजावट की गई। शनिवार देर रात हुई प्रार्थना में नई अग्नि प्रज्ज्वलित की गई। जुलूस निकाला गया। ईस्टर केण्डल व जल को आशीष देकर पवित्र किया गया। प्रार्थना में बाईबल के प्रथम और द्वितीय पाठ का वाचन किया गया। गायन मंडली ने सिस्टर डॉ.जेसिंथ की अगुवाई में भक्त गीत गाए। संगीत आशीष जोसफ का था। चर्च कमेटी के सचिव जोसफ कुरियन ने बताया कि 11 से 18 अप्रेल तक विभिन्न ईसाई घरों में जाकर पवित्र जल का छिडकाव किया जाएगा। उत्तर भारतीय मसीही मंडली(सी.एन.आई.) चर्च के सदस्यों ने प्रभु यीशु के पुनरूत्थान दिवस 'ईस्टर' की प्रार्थना पब्लिक पार्क के बाहर स्थित संयुक्त मसीही आराधनालय में की। झांसी से आए पॉस्टर राहुल गोस्वामी व फादर हैरल्ड डिमोंटी ने प्रभु यीशु के आदर्शोü का स्मरण दिलाया। प्रार्थना के बाद ईस्टर की बधाई दी गई। Автор
मनाया ईस्टर, बांटी खुशियां
कोटा | प्रेम, शांति, सद्भाव, दया के मसीहा प्रभु यीशु का ईस्टर पर्व (पुनर्जन्म) रविवार को मनाया गया। शहर के चर्चों में विशेष प्रार्थना मनाई गई। चर्च में आकर्षक सजावट की गई। 40 दिन तक चली इस प्रेयर में क्रिश्चियन समाज के लोगों ने प्रभु यीशु की याद में आह्वान, प्रार्थना, गीत, बाइबिल पाठ, क्रूस से प्रेम वचन, कोरस व प्रवचन में सहभागिता निभाई। ईस्टर पर चर्चों में विशेष प्रार्थना हुई। साथ ही सब्जीमंडी स्थित सीएनआई चर्च से प्रभात फेरी निकाली गई जो श्रीपुरा बस स्टैंड पहुंचकर वापस चर्च परिसर में संपन्न हुई। इसमें क्रिश्चियन समाज के लोगों ने खुशी-खुशी मनाओ..., बोलो- बोलो मसीहा की जय- जय, परम पिता की हर स्तुति गाए, वो ही है जो बचाए हमें... शांति दिलाए यीशु प्रभु... सहित अन्य गीत गाए गए। गुड फ्राइडे के तीसरे दिन ईस्टर को लेकर प्रार्थना होती है। इस दिन खुशियां मनाई जाती। सभी अपने हाथों में कैंडल लेकर चल रहे थे। Автор