Уроки хинди продолжаем, знакомясь с индийской литературой в оригинале. Перевод рассказа Р.Тагора "Кабулец" на русский язык с комментариями по абзацам поможет еще лучше узнать хинди.
काबुलीवाला रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कहानी Кабулец Рассказ Рабиндраната Тагора
***
मेरी पाँच बरस की लड़की मिनी से घड़ीभर भी बोले बिना नहीं रहा जाता। Моя пятилетняя дочь Мини даже секундочки не может прожить без болтовни. (~ घड़ीभर भी बोले बिना नहीं रहा जाता = Не может молчать ни секунды)
एक दिन वह सवेरे-सवेरे ही बोली, "बाबूजी, रामदयाल दरबान है न, वह ‘काक’ को ‘कौआ’ कहता है। Однажды ранним утром она сказала: «Папа, Рамдаял – швейцар, он ворону называет «कौआ»*. *काक и कौआ – оба слова обозначают «ворона», कौआ - употребляется чаще.
वह कुछ जानता नहीं न, बाबूजी।" Правда, он ничего не знает, папа». मेरे कुछ कहने से पहले ही उसने दूसरी बात छेड़ दी। Прежде какого-то моего ответа на первый, она затевает другой разговор.
"देखो, बाबूजी, भोला कहता है – आकाश में हाथी सूँड से पानी फेंकता है, इसी से वर्षा होती है। «Смотри, папа, Бхола говорит, что в небо воду слоны хоботами забрасывают, от этого дождь идет. अच्छा बाबूजी, भोला झूठ बोलता है, है न?" Правда, папа, Бхола обманывает, так ведь?» और फिर वह खेल में लग गई। И опять она уже играет. और फिर वह खेल में लग गई। - дословно: и опять игру в начала
काबुलीवाला रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कहानी
मेरी पाँच बरस की लड़की मिनी से घड़ीभर भी बोले बिना नहीं रहा जाता। एक दिन वह सवेरे-सवेरे ही बोली, "बाबूजी, रामदयाल दरबान है न, वह ‘काक’ को ‘कौआ’ कहता है। वह कुछ जानता नहीं न, बाबूजी।" मेरे कुछ कहने से पहले ही उसने दूसरी बात छेड़ दी। "देखो, बाबूजी, भोला कहता है – आकाश में हाथी सूँड से पानी फेंकता है, इसी से वर्षा होती है। अच्छा बाबूजी, भोला झूठ बोलता है, है न?" और फिर वह खेल में लग गई। * घड़ीभर * ‘कौआ’ कहता है। * सूँड से पानी फेंकता है